मिट्ठू बोला इत्ता मीठा
दौड़े आएँ चींटी-चींटा
झूम उठी मस्ती में गैया
फुदक-फुदक नाची गौरैया
हिरन कुलाँचें भरता आया
चूहा चूँ-चूँ करता आया
हाथी ना चिंघाड़ा बिल्कुल
ना ही शेर दहाड़ा बिल्कुल
बंदर ने मुँह नहीं बनाया
भालू ना गरजा-गुर्राया
सब पर जादू-सा अहसास
मिट्ठू की बोली बिंदास